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न्यूज़ीलैंड के पहाड़ को इंसानों जैसा क़ानूनी अधिकार मिलने के मायने क्या हैं

न्यूज़ीलैंड के पर्वत को इंसानों जैसे क़ानूनी अधिकार दिए जाने का समझौता, सालों तक चली बातचीत के बाद अब क़ानून बन गया है.

न्यूज़ीलैंड के पर्वत को इंसानों जैसे क़ानूनी अधिकार दिए जाने का समझौता, सालों तक चली बातचीत के बाद अब क़ानून बन गया है.

इसका मतलब हुआ कि टारानाकी माउंगा (माउंट टारानाकी) पर अब किसी का अधिकार नहीं होगा और वहां रहने वाली स्थानीय जनजातियां, इवी और सरकार यहां की व्यवस्था मिलकर संभालेंगी.

इस समझौते का मक़सद टारानाकी इलाक़े की स्थानीय आबादी माओरी पर औपनिवेशीकरण के दौरान हुई नाइंसाफ़ी की भरपाई करना है, जिसमें बड़े पैमाने पर ज़मीनों को ज़ब्त कर लिया गया था.

इस समझौते की अगुवाई करने वाले मंत्री पॉल गोल्डस्मिथ ने कहा, “हमें नाइंसाफ़ी को स्वीकार करना होगा जो अतीत में हुई ग़लतियों की वजह से हुआ, ताकि उनकी खुद की आकांक्षाओं और अवसरों को साकार करने के लिए, हम इवी लोगों की भविष्य में मदद कर सकें.”

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