राज्य

हरित हरियाणा के लिए ‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0’

लोकनायक संवाद / तरुण चोपड़ा

हरियाणा सरकार ने प्रदेश में व्यापक वृक्षारोपण अभियान चलाने और मजबूत सार्वजनिक भागीदारी से पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने के मकसद से ‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0’ के नाम से एक महत्वाकांक्षी पहल की है।

मुख्य सचिव श्री अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में आज एक उच्च स्तरीय बैठक में राज्य कार्य योजना की समीक्षा की गई। बैठक में इस अभियान को प्रमुख राष्ट्रीय मिशनों के साथ जोड़ने और जिला स्तर पर प्रभावी समन्वय सुनिश्चित करने की रणनीति बनाई गई।

बैठक के दौरान, मुख्य सचिव श्री रस्तोगी ने जोर देकर कहा कि ‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0’ को “संपूर्ण सरकार” और “संपूर्ण समाज” के दृष्टिकोण से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान को मनरेगा, जल शक्ति अभियान, स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन और राष्ट्रीय हरित राजमार्ग मिशन जैसी प्रमुख राष्ट्रीय योजनाओं के साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से सामूहिक प्रयासांे से पारिस्थितिक स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, योजना का प्रभाव और पहुंच भी बढ़ेगी। उन्होंने पिछले वर्ष लगाए गए पौधों की गहन समीक्षा करने की आवश्यकता जताई, ताकि उनका सतत रखरखाव और विकास सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए।

वर्ष 2025-26 के दौरान चलाए जाने वाले इस अभियान में बड़े पैमाने पर पौधारोपण गतिविधियों पर जोर दिया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग के तहत इको क्लब फॉर मिशनलाइफ के माध्यम से स्कूल आधारित पहलों पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि इस अभियान में अधिक से अधिक युवाओं और छात्रों को शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि कम उम्र में पर्यावरणीय जिम्मेदारी को बढ़ावा देने से दूरगामी सामाजिक लाभ होंगे।

स्कूलों के अलावा, सामुदायिक संगठनों और स्वयंसेवकों के साथ, वन, शहरी स्थानीय निकाय, बागवानी, लोक निर्माण विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण इस पौधारोपण अभियान में सक्रिय रूप से शामिल होंगे। ये गतिविधियाँ जल शक्ति अभियान के तहत इस वर्ष के ‘कैच द रेन 2025’ थीम के अनुरूप नदी किनारों, नहरों की पटरियों, अमृत सरोवरों और अन्य जल स्रोतों के किनारों पर चलाई जाएंगी।

मुख्य सचिव श्री रस्तोगी ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि अभियान का प्रभावी जमीनी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए, जिला पौधारोपण समितियाँ बनाई जाएं। ये समितियाँ पौधारोपण स्थलों की पहचान करने, भूमि की उपलब्धता का आकलन करने और पौधों की माँग तैयार करने के साथ-साथ समन्वय योजनाओं को भी अंतिम रूप देंगी। बैठक में जिला स्तर पर प्रत्येक विभाग को पौधारोपण के लिए उपयुक्त उपलब्ध भूमि पर डेटा प्रस्तुत करने और पौध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नर्सरियों के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा गया। मुख्य सचिव ने उन्हें योजना के तहत लगाए गए पौधों की देखभाल के संबंध में एक योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए।

वन विभाग ने पुष्टि की है कि इस वर्ष के पौधारोपण अभियान के लिए 22 जिलों की 200 सरकारी नर्सरियों में 1.81 करोड़ पौधे उपलब्ध हैं। इस जानकारी के प्रसार के लिए, विभाग ने विश्व पर्यावरण दिवस 2025 पर ‘वन नर्सरियों पर पुस्तिका’ जारी की है। नर्सरियों और उपलब्ध स्टॉक का विवरण विभाग की वेबसाइट haryanaforest.gov.in पर भी उपलब्ध है।

प्रदेश में पौधारोपण गतिविधियों की रीयल टाइम की निगरानी के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाएगा। स्कूलों द्वारा किए जाने वाले पौधारोपण का डेटा इको क्लब फॉर मिशनलाइफ पोर्टल पर एक माइक्रोसाइट के माध्यम से कैप्चर किया जाएगा। वन विभाग और अन्य विभागों द्वारा किए गए अन्य सभी पौधारोपण मेरीलाइफ पोर्टल https;//merilife.nic.in पर अपलोड किए जाएंगे।

मुख्य सचिव ने जिला प्रशासन को ‘एक पेड़ माँ के नाम 2.0’ के तहत पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए गहन सोशल मीडिया अभियान शुरू करने के भी निर्देश दिए हैं। छात्र-छात्राओं को उनके स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय परिसरों के भीतर और आसपास पौधारोपण अभियान चलाने के लिए प्रेरित किया जाएगा, जिससे स्थानीय हरित पहलों में स्वामित्व और गर्व की भावना बढ़ेगी।

पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री आनंद मोहन शरण ने बताया कि पिछले वर्ष प्रदेश में 1.87 करोड़ पौधे लगाए गए, जिनमें से 52.21 लाख पौधे शहरी क्षेत्रों में और 134.44 लाख ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए। इस अभियान में 51 सरकारी विभागों और लाखों नागरिकों ने भाग लिया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *