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दिल्ली में तीन मेट्रो रेल कॉरिडोर के निर्माण को प्राथमिकता,जानिए इंडिया गेट तक कनेक्टिविटी के लिए केंद्र का प्लान क्या है


लोकनायक संवाद / तरुण चोपड़ा
नई दिल्ली: दिल्ली में तीन नए मेट्रो कॉरिडोर बनने वाले हैं। सरकार ने इन तीनों मेट्रो कॉरिडोर पर काम करने को प्राथमिकता दी है। ये कॉरिडोर हैं – आर के आश्रम से इंद्रप्रस्थ, एरोसिटी से टर्मिनल-1 और तुगलकाबाद से कालिंदी कुंज। इन पर लगभग 11,150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इनकी कुल लंबाई 16 किलोमीटर से थोड़ी ज्यादा होगी। हाल ही में, नेशनल प्लानिंग ग्रुप (NPG) ने इन योजनाओं का मूल्यांकन किया। एनपीजी, पीएम गतिशक्ति फ्रेमवर्क के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग करता है। अब ये योजनाएं कैबिनेट के सामने मंजूरी के लिए रखी जाएंगी।
आर के आश्रम से इंद्रप्रस्थ सबसे लंबा कॉरिडोर
दिल्ली मेट्रो के इन तीनों कॉरिडोर में आर के आश्रम से इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर सबसे लंबा होगा। यह पूरा रूट अंडरग्राउंड होगा। इस पर नौ स्टेशन होंगे। ये स्टेशन इंद्रप्रस्थ, भारत मंडपम, बड़ौदा हाउस, इंडिया गेट (सी-हेक्सागन के पास), कर्तव्य पथ पर बने नए कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट (CCS) बिल्डिंग, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, युगे युगीन भारत म्यूजियम (रकाबगंज गुरुद्वारा के पास), शिवाजी स्टेडियम और आर के आश्रम मार्ग पर होंगे। एक सूत्र ने बताया, ‘यह ग्रीन लाइन (इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ लिंक) को ब्लू लाइन और जनकपुरी वेस्ट-आर के आश्रम मार्ग कॉरिडोर से जोड़ेगा। इससे राजीव चौक पर भीड़ कम करने में भी मदद मिलेगी।’
इंडिया गेट तक सीधे पहुंच सकेंगे पहुंच सकेंगे लोग
अधिकारियों का कहना है कि इंडिया गेट पर बनने वाला स्टेशन पर्यटकों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन का विकल्प होगा। इससे प्राइवेट गाड़ियों पर निर्भरता कम होगी। अभी इंडिया गेट के पास सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट है। वहां से लोगों को या तो पैदल जाना पड़ता है या ऑटो-रिक्शा लेना पड़ता है। यह कॉरिडोर कर्तव्य पथ पर बन रहे 10 बड़े सरकारी दफ्तरों तक तेजी से पहुंचने में भी मदद करेगा। इस लाइन पर सीसीएस बिल्डिंग और सेंट्रल सेक्रेटेरिएट पर दो स्टेशन बनने से सरकारी कर्मचारियों को ऑफिस पहुंचने में आसानी होगी। पहले सीसीएस बिल्डिंग को बेसमेंट से जोड़ने के लिए एक ऑटोमेटेड पीपल मूवर सिस्टम (APMS) बनाने का प्रस्ताव था। लेकिन, इसे छोड़ दिया गया क्योंकि उस ट्रांसपोर्ट सिस्टम का इस्तेमाल सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही कर पाते। एपीएमएस एक तरह की छोटी स्वचालित ट्रेन होती है, जो लोगों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाती है।
एरोसिटी से टर्मिनल-1 तक अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन
अधिकारियों ने बताया कि एरोसिटी से टर्मिनल-1 तक मेट्रो लाइन (2.3 किलोमीटर) पूरी तरह से अंडरग्राउंड होगी। इस पर सिर्फ एक स्टेशन होगा – टर्मिनल-1. इससे तुगलकाबाद, खानपुर, साकेत, महरौली और वसंत कुंज जैसे इलाकों में रहने वाले लोगों को सीधे एयरपोर्ट कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे एयरपोर्ट तक पहुंचना आसान हो जाएगा। खासकर फरीदाबाद से आने वाले यात्रियों के लिए तुगलकाबाद इंटरचेंज के जरिए यात्रा करना सुविधाजनक होगा।

तुगलकाबाद-कालिंदी कुंज लिंक एलिवेटेड कॉरिडोर
तुगलकाबाद-कालिंदी कुंज लिंक (4 किलोमीटर) पर तीन स्टेशन होंगे। यह एलिवेटेड कॉरिडोर होगा। एलिवेटेड कॉरिडोर का मतलब है कि मेट्रो लाइन जमीन के ऊपर पिलर पर बनेगी। यह अली विलेज, अली विहार और मदनपुर खादर से होकर गुजरेगा। यह नया लिंक कालिंदी कुंज में मौजूदा मैजेंटा लाइन से जुड़ेगा। इससे वायलेट और मैजेंटा कॉरिडोर आपस में जुड़ जाएंगे। इन तीनों मेट्रो लाइनों के बनने से दिल्ली में ट्रांसपोर्ट और भी आसान हो जाएगा। लोगों को एक जगह से दूसरी जगह जाने में कम समय लगेगा और ट्रैफिक की समस्या भी कम होगी। सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाया जाए, ताकि लोग अपनी गाड़ियों का इस्तेमाल कम करें और प्रदूषण कम हो। मेट्रो इसका एक अहम हिस्सा है।

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